OLD Pension Scheme Good News (OPS) को लेकर हाल ही में कुछ महत्वपूर्ण अपडेट्स आए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विषय पर सीधे तौर पर निर्णय लेने का संकेत दिया है, जो कि कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। इस लेख में, हम विस्तार से जानेंगे कि पुरानी पेंशन योजना के संबंध में क्या नए अपडेट्स हैं और इससे जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान देंगे।
पुरानी पेंशन योजना क्या है?
पुरानी पेंशन योजना, जिसे OPS भी कहते हैं, एक ऐसी प्रणाली है जिसमें सरकारी कर्मचारियों को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद नियमित पेंशन मिलती है। इस योजना के तहत कर्मचारियों को उनकी सेवा के दौरान प्राप्त वेतन का एक निश्चित प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलता है। लेकिन 2004 के बाद, नई पेंशन योजना (NPS) लागू की गई थी, जिसमें पेंशन का आकार कम कर दिया गया और कर्मचारियों को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद केवल मामूली पेंशन मिलती है।
प्रधानमंत्री मोदी की बैठक और निर्णय
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुरानी पेंशन योजना को लेकर महत्वपूर्ण बैठक की। 24 अगस्त को, पीएम मोदी ने स्टाफ गाइड की राष्ट्रीय परिषद के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। यह एक दशक में पहली बार है जब पीएम मोदी ने सीधे कर्मचारियों के संगठन के नेताओं से बातचीत की। इस बैठक में, पीएम मोदी ने पुरानी पेंशन योजना के पुनरुद्धार पर गंभीरता से विचार किया और इससे जुड़े मुद्दों पर चर्चा की।
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बजट में एनपीएस पर चर्चा
केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एनपीएस में सुधार की बात की थी, लेकिन पुरानी पेंशन योजना के पुनरुद्धार पर कोई घोषणा नहीं की गई थी। इसके बावजूद, एनपीएस में सुधार की बात की गई, जो कि एक सकारात्मक संकेत हो सकता है कि सरकार इस दिशा में कदम बढ़ा सकती है।
कर्मचारियों की निराशा और संघर्ष
सरकारी कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना के पुनरुद्धार की मांग को लेकर लगातार संघर्ष किया है। हाल ही में, वित्त मंत्री ने बजट में पुरानी पेंशन योजना पर कोई घोषणा नहीं की, जिससे कर्मचारियों में निराशा की स्थिति उत्पन्न हुई है। सरकारी कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें पेंशन का अधिकार मिलना चाहिए, जो उनके मेहनत का उचित सम्मान है।
एनपीएस की खामियां
नई पेंशन योजना (NPS) के तहत कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद केवल मामूली पेंशन मिलती है। कर्मचारियों को अपनी संचित राशि का 40% हिस्सा सरकार के पास रखना होता है, जिससे उन्हें 2000 से 4000 रुपए तक की पेंशन मिलती है। यह राशि उनकी सेवानिवृत्ति के बाद की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपर्याप्त हो सकती है।
कर्मचारियों की मांग और संभावित समाधान
कर्मचारी संगठनों ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग की है। उनका कहना है कि एनपीएस को रद्द करके पुरानी पेंशन योजना को पुनः लागू किया जाना चाहिए। यदि सरकार इस मांग को नहीं मानती है, तो कर्मचारी संगठनों ने आंदोलन करने की चेतावनी दी है। इसके तहत, उन्होंने नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम की घोषणा की है और संसद का घेराव करने की भी योजना बनाई है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया था कि पेंशन कोई अनुग्रह राशि नहीं है, बल्कि यह एक मौलिक अधिकार है। कोर्ट ने कहा कि पेंशन का हक प्रत्येक कर्मचारी का है और इसे दिया जाना चाहिए। यह फैसला सरकार पर दबाव डालता है कि वह पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने पर विचार करे।
भविष्य की संभावनाएं
प्रधानमंत्री मोदी की बैठक के बाद, पुरानी पेंशन योजना के भविष्य पर सकारात्मक संकेत मिल सकते हैं। यदि सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करती है, तो कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना की मांग पूरी हो सकती है। हालांकि, इस पर अंतिम निर्णय आने में समय लग सकता है, लेकिन यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा जो लाखों कर्मचारियों की उम्मीदों को पूरा कर सकता है।
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